⎈ Angrej Bharat Kiyu aaye the ? in Hindi
24 अगस्त 1608 ई. को व्यापार के उद्देश्य से सूरत के बंदरगाह में अंग्रेजों का आगमन (Angrejo ka Aagman) हुआ था।
Sir william hawkins |
सर विलियम हॉकिंस (Sir william hawkins) जो कि ईस्ट इंडिया कंपनी का एक कर्मचारी था, उसने बादशाह जहांगीर (Badshah Jhangir) से ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम से व्यापार करने का एक शाही फरमान जारी करा लिया। और उसने अपना व्यापार करना शुरू कर दिया। लेकिन उनके सामने एक बड़ी चुनौती पुर्तगालियों (Portugal) का प्रतिरोध था। उनकी दुश्मनी ने कंपनी (ब्रिटिश) को अनायास भारत के साथ व्यापार करने की अनुमति नहीं दी।
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ईस्ट इंडिया कंपनी का एक सिक्का |
भारत में व्यापार : Business in India
भारत में व्यापार की स्थिति को देखते हुए बहुत सारे देशों ने भारत में व्यापार करने की सोच कर भारत यानी सोने की चिड़िया कहे जाने वाले देश को लूटना चाहा।व्यापार के बहाने बहुत सारे देश भारत आए। उनमें से कुछ वे देश है जिन्होंने भारत में व्यापार कर बहुत सारा सोना और भारतीय खजाना (Indian treasury) भारत से लूट कर ले गए।
- 1. पुर्तगाल (Portugal)
- 2. फ्रांस (France)
- 3. डच (Dutch)
- 4. हॉलैंड (Holland)
- 5. ब्रिटेन (Britain - United Kingdom)
पुर्तगाली : Portugal
पुर्तगाल से प्रथम इंसान वास्कोडिगामा (Vasco da gama) जिसने भारत में व्यापार करना चाहा। उसने धीरे-धीरे व्यापार के नाम से भारत से बहुत सारे सोने अपने जहाजों में लादकर वह अपने देश पुर्तगाल ले गया।उसने कई बार भारत से पुर्तगाल (Portugal) भरे जहाजों से सोना ले गया और आया और फिर ले गया। इसलिए यह कहना भी गलत नहीं होगा कि वह एक लुटेरा था। इसी प्रकार अन्य देश से भी लोग व्यापार के नाम से भारत आते और सोना लूट कर ले जाते। यह प्रक्रिया कई वर्षों तक चलता रहा।
और फिर एक समय ब्रिटिश भारत आए। और उसने अपने कूटनीति से बाकी सभी देशों के व्यापारी को भारत से भगा दिया। और फिर धीरे-धीरे पूरे भारत में अपना शासन कायम कर दिया।
पुर्तगालियों का प्रतिरोध : Portuguese Resistance
पुर्तगालियों से निपटने के लिए विलियम हॉकिंस ने इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ (Queen Elizabeth) से मदद कि मांँग की। इसके बाद रानी एलिजाबेथ ने सर थॉमस रो (Sir Thomas Roe) को, जो की रानी एलिजाबेथ के बहुत ही करीबी था, उसे भारत भेजा।![]() |
सर थॉमस रो |
सर थॉमस रो ( Sir Thomas Roe) बहुत ही चतुर और चालाक था। उसने सर्वप्रथम बादशाह जहांगीर (Badshah Jahangir) से मिलकर उसकी प्रशंसा की, और बादशाह जहांगीर को पुर्तगालियों के खिलाफ भड़काने लगा। वह पुर्तगालियों को भगाने में कामयाब भी हो गए। फिर उसने सूरत में फैक्ट्री खोलने का शाही फरमान जारी कर लिया। और उसने धीरे-धीरे कई शाही फरमान जारी किया और कई जगह फैक्ट्री का निर्माण कराया।
अंग्रेजों का अत्याचार : British tyranny
एक दिन थॉमस रो ने चुपके से एक ऐसा फरमान बादशाह जहांगीर से हस्ताक्षर करा लिया, जिसमें लिखा था कि वह भारत की जनता पर कुछ भी कर सकता है। और अंग्रेज वह फरमान भारत के लोगों को दिखाकर लोगों से कर, पैसा और धन वसूलने लगे।
और जो नहीं देते थे उसे बुरी तरह से पीटा जाता था। इसी तरह अंग्रेजों का अत्याचार बढ़ता चला गया। धोखे से भारत के राजा, महाराजा को लूटते गए और धीरे-धीरे पूरा भारत अंग्रेजों के अधीन हो गया, और अंग्रेज भारत पर राज करने लगे।
और जो नहीं देते थे उसे बुरी तरह से पीटा जाता था। इसी तरह अंग्रेजों का अत्याचार बढ़ता चला गया। धोखे से भारत के राजा, महाराजा को लूटते गए और धीरे-धीरे पूरा भारत अंग्रेजों के अधीन हो गया, और अंग्रेज भारत पर राज करने लगे।
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